भाषा एवं साहित्य >> प्रायोगिक हिंदी और विश्वग्राम में अनुवाद की भूमिका प्रायोगिक हिंदी और विश्वग्राम में अनुवाद की भूमिकाडॉ. राकेश शर्मा
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प्रायोगिक हिंदी और विश्वग्राम में अनुवाद की भूमिका
आज के युग में जहां अंग्रेजी ने समाज के प्रत्येक क्षेत्र में अपने पैर पसारे हैं वहीं हिंदी का प्रायोगिक भाषाई पक्ष भी इलेक्ट्रोनिक मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तथा राजभाषा से लेकर ई. शिक्षण के क्षेत्र तक विस्तारित हुआ है।
प्रस्तुत पुस्तक में प्रायोगिक हिंदी के विविध आयामों को स्पर्श करते हुए तथा भूमंडलीकरण के दौर में अनुवाद की प्रासंगिकता को केंद्र में रखते हुए सतर्कतापूर्वक विषयों का चयन किया गया है।
अनुवाद विज्ञान की जटिलताओं को सरल शब्दों में सूक्ष्मतिसूक्ष्म विश्लेषण करने का प्रयास जहां इस पुस्तक में किया गया है वहीं शिक्षा तथा समाज में अनुवाद के महत्व को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय अनुवाद मिशन जैसे कम ज्ञात परंतु महत्वपूर्ण विषयों को भी स्पर्श करने का प्रयास किया गया है।
विश्वग्राम और आधुनिक तकनीकी के इस दौर में भाषा तथा अनुवाद से संबंधित यह पुस्तक निश्चित तौर पर एक बड़े वर्ग के पाठकों के लिए उपयोगी तथा सूचनापरक सिद्ध होगी।
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